मैं
मैं अनुराग मैं प्रयाग और मैं ही सुरों का राग हूं मैं एक नई सुबह का अवतार हूं
मैं रंग मैं रत्न और मैं ही रोनक हूं इस नई सुबह में रवि कि लालिमा मैं हूं
मैं ज्योति मैं ज्वाला मैं जोश का जुटाव हूं रमणीक रश्मि से पिरोई जय-माला मैं हूं
मैं संताप मैं सुरभि और मैं ही सुरों का संगम हुं इस सृष्टि का सर्जन(जन्मदाता) मैं हूं
मैं सुबह मैं रश्मि मैं रवि मैं सृष्टि मैं जीवन का सार हूं और हूं सर्वोदय भी समापन भी
मैं हूं मैं ही समय का संचार हूं - अक्षय-मन